Harnoor tv Delhi news : गर्मियों में कारें अंदर से भट्टी की तरह तपने लगती हैं। ऐसी स्थिति में एसी राहत बनकर आता है। लेकिन जरा सोचिए, अगर आप कैब में बैठे हों और ड्राइवर ऐसे ही गाड़ी चलाने से मना कर दे तो आपका क्या होगा। दरअसल, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कैब ड्राइवर यूनियन ने इस गर्मी में एसी नहीं चलाने का फैसला किया है। इसमें ओला, उबर और रैपिडो जैसे ऑनलाइन टैक्सी प्लेटफॉर्म के ड्राइवर शामिल हैं।
यूनियन का कहना है कि एसी चालू रखने से कार का माइलेज कम हो जाता है और चलाने की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में गर्मी में वाहन चालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में कुछ कैब ड्राइवर पैसे बचाने के लिए बिना एसी चालू किए गाड़ी चलाते हैं। इससे कैब बुक करने वाले ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
टैक्सी चालक कम बचत से पीड़ित हैं।दैनिक
भास्कर के मुताबिक, कैब ड्राइवर मुरली रेड्डी ने बताया कि एसी पर कैब चलाने का खर्च 16-18 रुपये प्रति किमी है. उबर, ओला और रैपिड चार्ज कमीशन देते हैं, उसके बाद उन्हें सिर्फ 10 रुपये प्रति किमी मिलते हैं। रेड्डी ने कहा कि 16 घंटे काम करने पर भी सिर्फ 500 से 800 रुपये ही बच सकते हैं. इसमें कार के रखरखाव का खर्च भी शामिल है. उन्होंने कंपनियों (ओला, उबर और रैपिडो आदि) से एसी कैब का किराया बढ़ाने की मांग की है। तेलंगाना गिग एंड प्लेटफॉर्म वर्कर्स यूनियन (टीजीपीडब्ल्यूयू) ने 8 अप्रैल को 'नो एसी' अभियान की घोषणा की थी।
टैक्सी यूनियन ने ट्विटर पर इस कदम की घोषणा करते हुए लिखा, “@TGPWU 'नो एसी' अभियान शुरू कर रहा है। हम उबर, ओला और रैपिडो ऐप पर काम करने वाले ड्राइवर प्रति किमी किराया कम होने के कारण कैब में एसी चालू नहीं कर सकते। "हमारे कैब एसी को चलाने की लागत 16-18 रुपये प्रति किलोमीटर है।"
गर्मी के दिनों में यात्रियों की परेशानी बढ़ जायेगी
आपको बता दें कि हैदराबाद उन शहरों में से एक है जहां गर्मी के दौरान पारा सबसे ज्यादा रहता है। गर्मियों में यहां का तापमान 43 डिग्री से भी अधिक हो जाता है। ऐसे में टैक्सी ड्राइवर एसी का इस्तेमाल न करने का फैसला करते हैं, जिससे हजारों ग्राहकों को परेशानी हो सकती है। हालांकि, टैक्सी चालकों का कहना है कि वे ग्राहकों से टिप लेने की शर्त पर ही एसी चालू करेंगे।