Harnoor tv Delhi news : दरअसल, 4X4 नंबर का मकसद कार के पहिये या सीट को दिखाना नहीं है, बल्कि इसका संबंध कार के ड्राइव सिस्टम यानी इंजन से है। आमतौर पर आपको वैगनआर, ऑल्टो, नेक्सन या ब्रेजा जैसी छोटी-बड़ी कारों पर 4X4 लिखा हुआ नहीं दिखेगा। हम आपको बता दें कि ये सभी कारें 4X2 ड्राइव सिस्टम के साथ आती हैं। इसका मतलब है कि ये कारें टू-व्हील ड्राइव सिस्टम को सपोर्ट करती हैं। इसका मतलब है कि इन कारों का इंजन केवल दो पहियों पर ही पावर भेजता है।
वहीं, अगर कार पर 4X4 लिखा है तो इसका मतलब है कि कार 4-व्हील ड्राइव क्षमता के साथ आती है। इसका सीधा मतलब यह है कि उस कार का इंजन चारों पहियों को बराबर पावर भेजता है, यानी कार के चारों पहिए इंजन से जुड़े होते हैं।
4X4 ड्राइव सिस्टम अक्सर केवल बड़े और भारी वाहनों में ही देखे जाते हैं। वहीं ऑफ-रोडिंग के लिए महिंद्रा थार और जीप जैसी लोकप्रिय गाड़ियां भी इस सिस्टम से लैस हैं। तो एक कार में 4X4 का क्या कार्य है और यदि ऐसा नहीं होता तो क्या होता है?
पहाड़ी और उबड़-खाबड़ सड़कों पर वाहन चलाने के लिए 4X4 ड्राइव सिस्टम बहुत महत्वपूर्ण है। यह आगे के दो पहियों के साथ पीछे के दो पहियों को भी घुमाता है, जिससे वाहन को अतिरिक्त शक्ति मिलती है और पहाड़ी सड़कों पर वाहन का नियंत्रण बेहतर होता है। यदि आप कभी पहाड़ी सड़कों पर गए हैं, तो आपने छोटे वाहनों को आगे बढ़ने के लिए संघर्ष करते देखा होगा, जबकि महिंद्रा थार और जीप जैसे वाहन बिना किसी रोक-टोक के आगे बढ़ सकते हैं।
भारत में बिकने वाली कई महंगी गाड़ियों में 4X4 का विकल्प होता है। कुछ लोकप्रिय वाहन जैसे महिंद्रा थार, मारुति सुजुकी जिम्नी, टोयोटा फॉर्च्यूनर, महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन, फोर्स गुरखा, एमजी ग्लोस्टर और जीप कंपास 4X4 के साथ आते हैं।