मोबाइल फोन आजकल दैनिक दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुका है। शायद (poco phone)ही ऐसा कोई काम हो, जोकि प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आपके फोन से न जुड़ा हो। लेकिन एक कंपनी के खिलाफ सरकार को काफी समय से शिकायत मिल रही थी, जिसमें राजस्व को नुकसान होने की बात कही गई है।
अगर सरकार एक्शन लेती है तो समझे कि इस कंपनी के फोन आपको मार्केट में नहीं दिखाएं देंगे। जिससे (ora)आपका दिल टूट सकता है। तो आइये देर मत करें हम आपको नीचे बताने वाले हैं कि यह कौन सी कंपनी के मोबाइल फोन है और किस प्रकार की शिकायत सरकार को मिली थी।
साउथ इंडियन ऑर्गेनाइज्ड रिटेलर्स एसोसिएशन (ORA) ने उठाई मांग
साउथ इंडियन ऑर्गेनाइज्ड रिटेलर्स एसोसिएशन (ORA) इन दिनों शाओमी के सब ब्रांड POCO से काफी हद तक खफा (business model)हो चुकी है। खफा भी इस कदर है कि सरकार से इस कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने की मांग तक कर डाली है।
साउथ इंडियन ऑर्गेनाइज्ड रिटेलर्स एसोसिएशन (ORA) का कहना है कि कंपनी अपने जिस बिजनेस मॉडल का इस्तेमाल भारत में कर रही है, वह गैरकानूनी है।
इससे न केवल यूजर्स को बल्कि देश के राजस्व को भी नुकसान हो रहा है। ORA इस बारे में आम चुनाव के बाद केंद्र सरकार के सामने इस मुद्दे को रखेगी।
कंपनी के बिजनेस माडल देख रह जाएंगे हैरान
ORA ने कहा है कि POCO कंपनी स्मार्टफोन की सप्लाई को कम रही है। साथ ही बिना कंज्यूमर अनुभव के गैरकानूनी (पोको स्मार्टफोन)चैनल के जरिए इसे लोगों तक पहुंचा रही है। साथ ही ORA ने कंपनी पर यह भी आरोप लगाया है कि कंपनी भारत में रोजगार को बढ़ावा नहीं दे रही है।
ORA के मुताबिक POCO के दूसरे ब्रांड जैसे सैमसंग, विवो और ओप्पो के मुकाबले देश में सिर्फ तीन डिस्ट्रिब्यूटर हैं। वहीं आश्चर्य की बात है कि POCO का देश में कोई भी सेल्स प्रमोटर नहीं है।
सरकार के राजस्व को पहुंच रहा नुकसान
ORA के मुताबिक POCO का यह बिजनेस मॉडल न केवल सेल्स चैनल को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि सरकार (पोको कंपनी)को राजस्व भी नहीं मिल पा रहा है जिससे देश की आर्थिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
ORA ने कहा है कि वह देश में ऐसे किसी ब्रांड को बिजनेस की अनुमति नहीं दे सकती जो गैरकानूनी तरीके से बिजनेस कर रहा हो और देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान न दे रहा हो।
चुनाव बाद करेंगे मामले की शिकायत
ORA ने बताया कि उन्होंने इस बात को कई बार कंपनी के सामने रखा लेकिन कंपनी की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया। यही नहीं, कंपनी ने कोई एक्शन भी नहीं लिया। एसोसिएशन ने कहा है कि वह लोकसभा चुनाव के बाद इस मामले को सरकार के सामने रखेगी!
सरकार से मांग करेगी कि कंपनी का ट्रेड लाइसेंस कैंसिल किया जाए। फिलहाल ORA CCI (Competition Commission of India) में भी केस फाइल करने की तैयारी में है।