इस साल का बजट 23 जुलाई 2024 को पेश होने जा रहा है। इस बार के बजट से सैलरीड क्लास के साथ किसानों को भी काफी उम्मीदें हैं। इनकम टैक्स के मसले पर भी वित्त मंत्री जनता को ध्यान में रखकर घोषणा कर सकती हैं। इस सबके बीच रेलवे यात्री भी सरकार से बड़ी उम्मीद लगाकर बैठे हैं।
ट्रेन (indian railway) से यात्रा करने वाले सीनियर सिटीजन को उम्मीद है कि इस बार के बजट में सरकार की तरफ से टिकट पर मिलने वाली रियायत को फिर से बहाल किया जा सकता है। अगर सरकार पुराने नियम को बहाल करती है तो यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का सबसे बड़ा कदम होगा। इसके अलावा भी नई ट्रेनों को लेकर खास ऐलान किये जाने की उम्मी है।
चार साल बाद मिल सकती है राहत
साल 2020 में कोरोना के समय रेलवे की तरफ से वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराये पर मिलने वाली छूट को बंद कर दिया गया था। इसके तहत महिला वरिष्ठ नागरिकों को 50 प्रतिशत, पुरुष और ट्रांसजेंडर सीनियर सिटीजन को 40 प्रतिशत की रियायत मिलती थी।
इसके बाद से सभी यात्रियों को किराये का पूरा पैसा देना पड़ता है। पिछले दिनों दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर में भी यह उम्मीद जताई गई थी कि सीनियर सिटीजन (senior citizen) को रेल किराये में मिलने वाली छूट को चार साल बाद बहाल किया जा सकता है।
स्लीपर क्लास के लिए छूट बहाल करने पर चर्चा
किराये में मिलने वाली छूट को एसी कोच की बजाय स्लीपर क्लास के लिए बहाल करने पर चर्चा चल रही है। सरकार की कोशिश है कि रेलवे पर कम से कम आर्थिक बोझ डाला जाए। आरटीआई के अनुसार वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायत वापस लेने से रेलवे की आमदनी बढ़ी है। पिछले चार साल के दौरान रेलवे ने आठ करोड़ वरिष्ठ नागरिकों से 5,062 करोड़ रुपये का रेवेन्यू जेनरेट किया है। इसमें से 2,242 करोड़ रुपये रियायत को बंद किये जाने से आए हैं।
संसद में भी उठा था रियायत को बहाल करने का मामला
पिछले दिनों रेलवे की तरफ से किराये में दी जाने वाली रियायत का मामला संसद में भी उठा था। इस पर रेल मंत्री ने कहा था कि यात्री किराये में पहले ही 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। बताया गया कि एक यात्री पर औसत खर्च 110 रुपये का आता है, जबकि इसकी तुलना में 45 रुपये ही लिये जाते हैं। रेल मंत्री ने कहा था कि सीनियर सिटीजन की छूट बहाल करने से सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।