Harnoortv। New Delhi : कनाडा और भारत के बीच बढ़ते तनाव ने व्यापार जगत में चिंता बढ़ा दी है। दरअसल, प्रमुख व्यापारिक भागीदार देशों के बीच चल रहे राजनयिक विवाद कनाडा में काम कर रही भारतीय कंपनियों के लिए समस्याएँ पैदा कर सकते हैं और वहां उनके भारी निवेश को प्रभावित कर सकते हैं।
यदि ऐसा कुछ होता है तो कनाडा की अर्थव्यवस्था तो डगमगाएगी ही वहीं भारतीय कंपनियों के लिए भी चिंता का विषय है। क्योंकि ये वो कंपनियां है जो हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाती है।
सीआईआई ने कनाडा के लिए भारतीय कंपनियों की अहमियत और इन कंपनियों का वहां कितना निवेश है, इस पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसी साल मई 2023 में जारी एक रिपोर्ट में आंकड़ों के साथ यह जानकारी साझा की गई थी।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने 'भारत से कनाडा तक: आर्थिक प्रभाव और जुड़ाव' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है और यह रिपोर्ट तब जारी की गई जब केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल टोरंटो के दौरे पर थे।
कनाडा की अर्थव्यवस्था के लिए भारत महत्वपूर्ण है
रिपोर्ट में आंकड़ों के साथ बताया गया है कि भारत न केवल श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और खाड़ी देशों के लिए बल्कि कनाडा जैसे देशों के लिए भी कितना महत्वपूर्ण है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा की अर्थव्यवस्था में भारतीय कौशल का योगदान और कनाडा में भारतीय निवेश बढ़ा है। इसने कनाडा में भारतीय उद्योगों की बढ़ती उपस्थिति और एफडीआई और रोजगार सृजन में भारतीय कंपनियों के महत्व पर भी प्रकाश डाला।
30 भारतीय कंपनियों ने लगाया बड़ा दांव!
Bharat-Canada: आर्थिक प्रभाव और जुड़ाव' रिपोर्ट पर एक नज़र डालने से व्यापार क्षेत्र पर चल रहे तनाव के प्रभाव का अंदाज़ा मिलता है। रिपोर्ट के मुताबिक, कनाडा में 30 भारतीय कंपनियों की मौजूदगी है।
देश में उनका निवेश 40,446 करोड़ रुपये है। इतना ही नहीं, दोनों देशों के बीच इस ताजा तनाव से पहले व्यापार संबंधों पर एक सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि वहां मौजूद 85 फीसदी भारतीय कंपनियों ने भविष्य में इनोवेशन के लिए फंडिंग बढ़ाने की उम्मीद जताई है।
17,000 से अधिक लोगों को रोजगार दे रही हैं भारतीय कंपनियां कनाडा में
कारोबार करने वाली भारतीय कंपनियों के जरिए 17,000 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलता है। इन कंपनियों का R&D खर्च भी 700 मिलियन कैनेडियन डॉलर बताया जाता है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कनाडा में भारतीय कारोबार बढ़ रहा है, जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है। अब जब भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ रहा है तो वहां कारोबार करने वाली कंपनियों की कारोबारी संभावनाएं भी बढ़ गई हैं।
दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश
भारत और कनाडा के बीच व्यापार और अच्छे संबंधों के कारण भारत ने वहां भारी निवेश किया है। कनाडाई पेंशन फंडों ने भी भारत में 55 अरब डॉलर का निवेश किया है।
भारतीय आईटी कंपनियों की कनाडा में बड़ी उपस्थिति है। इसके अलावा भारतीय कंपनियां सॉफ्टवेयर, प्राकृतिक संसाधन और बैंकिंग क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इनमें विप्रो और इंफोसिस जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
यहां आपको बता दें कि पिछले साल-2022 में भारत कनाडा का 10वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने कनाडा को 4.10 अरब डॉलर का सामान निर्यात किया।
जबकि कनाडा ने 2022-23 में भारत को 4.05 बिलियन डॉलर का सामान निर्यात किया। 2021-22 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 7 अरब डॉलर था, जो 2022-23 में बढ़कर 8.16 अरब डॉलर हो जाएगा।