Harnoortv, New Delhi : DA Hike News : मोदी सरकार हर साल मार्च के आखिरी हफ्ते में 48 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते और जनवरी से जून महीने के लिए महंगाई राहत में बढ़ोतरी करती है।
केंद्र सरकार को जनवरी से जून 2024 के लिए महंगाई भत्ता भी बढ़ाने की जरूरत है। लेकिन 2024 में महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला मोदी सरकार मार्च महीने में नहीं बल्कि नए साल की शुरुआत में ले सकती है। क्योंकि अगले साल अप्रैल से मई के बीच लोकसभा चुनाव होंगे।
कब बढ़ेगा महंगाई भत्ता?
मोदी सरकार ने 2022 में 30 मार्च 2022 और 2023 में 24 मार्च 2023 को महंगाई भत्ता बढ़ाने का फैसला किया था। 2024 लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान मार्च के पहले हफ्ते में होने की उम्मीद है। चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही देश में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसके बाद केंद्र सरकार महंगाई भत्ता नहीं बढ़ा सकेगी। ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को आकर्षित करने के लिए जनवरी से फरवरी के बीच महंगाई भत्ता और महंगाई राहत बढ़ाने का फैसला कर सकती है।
कितना बढ़ेगा महंगाई भत्ता?
औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अक्टूबर में 0।9 प्रतिशत बढ़ा। औद्योगिक श्रमिकों का अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई भत्ता और महंगाई राहत निर्धारित करने में सबसे बड़ी भूमिका निभाता है।
ऐसे में इन आंकड़ों को देखते हुए जनवरी से जून 2024 की अवधि के लिए महंगाई भत्ते और महंगाई भत्ते को मौजूदा 46 फीसदी से बढ़ाकर 4 फीसदी किया जा सकता है। प्रतिशत से 50 प्रतिशत।
क्या DA को मूल वेतन में मिला दिया जाएगा?
कई रिपोर्ट्स में लगातार कहा गया है कि एक बार महंगाई भत्ता 50 फीसदी तक पहुंच जाएगा तो इसे मूल वेतन में मिला दिया जाएगा और महंगाई भत्ता शून्य हो जाएगा और महंगाई भत्ता नए सिरे से बढ़ाया जाएगा।
लेकिन हम आपको बता दें कि ऐसा कुछ नहीं होगा। क्योंकि सातवें वेतन आयोग द्वारा 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते को मूल वेतन में विलय करने की अनुशंसा नहीं की गई है। छठे वेतन आयोग ने भी ऐसी कोई सिफ़ारिश नहीं की है। सवाल उठाया गया है कि क्या सरकार 50 फीसदी महंगाई भत्ते के बाद 8वें वेतन आयोग का गठन करेगी, लेकिन सरकार इससे इनकार कर रही है।