व्यापारी नेता हरियाणा में बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ मौजूदा भाजपा सरकार से खफा हैं। इसकी भड़ास उन्होंने राव इंद्रजीत के सामने निकाली। हांसी में अनाज मंडी एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पहुंचे थे।
इस पर जब केंद्रीय मंत्री से सवाल किया तो वह असहज हो गए। उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि हरियाणा में कानून व्यवस्था चरमराई हुई है। आप सबने स्टेज पर सुना, मेरे से क्यों कहलवा रहे हो। इतना कहते ही राव इंद्रजीत चलते बने।
यह मामला हांसी शहर में सुर्खियों में रहा। वहीं इसको लेकर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने X पर पोस्ट भी किया है। दीपेंद्र ने लिखा -आज गैरों की महफिलों में भी ये चर्चे हैं...विकसित हरियाणा चाहिए, सुरक्षित हरियाणा चाहिए, तो फिर से हुड्डा जी आने चाहिए।
अब पढ़िए मंच से व्यापारी नेता ने क्या कहा...
व्यापारी नेता रामअवतार तायल ने मंच पर कहा कि 'आप तो सक्षम हैं। आप में ऊर्जा है। मैं आप को कह रहा हूं कि प्रदेश में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। जिस प्रकार आप हुड्डा सरकार में थे और केंद्र में मंत्री थे। उस वक्त बदमाशों के चीरा लगाया था और बदमाशों के एनकाउंटर किए थे। आज भी ऐसे एनकाउंटर की जरूरत है। आज जब तक 5-6 बदमाशों के एनकाउंटर नहीं होंगे हरियाणा में अमन चैन स्थापित नहीं होगा। आप बदमाशों के एनकाउंटर करवा दो'।
वहीं बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए व्यापारी नेता ने कहा कि 23 व्यापारियों को फिरौती की चिट्ठी आ चुकी है, मगर हरियाणा का मुख्यमंत्री हाल चाल जानने तक नहीं आया। जब हुड्डा की सरकार थी तो 5-7 एनकाउंटर किए थे। जिससे आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लग गया था।
हुड्डा के कारण छोड़ी थी पार्टी
राव इंद्रजीत और भूपेंद्र सिंह हुड्डा में पुराने मतभेद हैं। राव इंद्रजीत ने 2013 में कांग्रेस छोड़ी थी। उन्होंने पार्टी छोड़ने के पीछे हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि वे 35 साल कांग्रेस में रहे हैं, लेकिन अब वे आगामी कोई भी चुनाव कांग्रेस पार्टी से नहीं लड़ेंगे।
इंद्रजीत ने कहा था कि अब यह कहने में कोई संकोच नहीं कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस विरोधी लहर चल रही है। उन्होंने हुड्डा को चुनौती दी थी कि वे पद छोड़कर गुरुग्राम से चुनाव लड़ लें। राव ने कहा था कि हमने कांग्रेस के साथ वफा की, लेकिन कांग्रेस व इनके नेताओं ने उनके साथ बेवफाई की। उन्होंने कहा था कि हुड्डा अब अपने चेहतों व उनके विरोधियों को खुलकर टिकट बांट सकते हैं।
कोसली से जीतकर हुड्डा ने दी चुनौती
दीपेंद्र हुड्डा 2019 में लोकसभा चुनाव रोहतक लोकसभा से हार गए थे। इस हार में कोसली विधानसभा अहम थी। राव इंद्रजीत के गढ़ माने जाने वाली कोसली में 74980 वोटों से दीपेंद्र हुड्डा को हार मिली थी, मगर अबकी बार वह 2 वोटों से जीत गए। यही कारण रहा है कि राव और हुड्डा में राजनीतिक जंग चलती रहती है। भिवानी महेंद्रगढ़ सीट से हुड्डा के करीबी राव दान सिंह को हराने में भी राव इंद्रजीत की बड़ी भूमिका बताई गई।