Harnoor tv Delhi news : शास्त्र के अनुसार पृथ्वी पर 84 रत्न पाए जाते हैं, जिनमें माणिक, हीरा, नीलम, पन्ना, लाल मूंगा, मोती, पुखराज, लहसुनिया प्रमुख रत्न माने जाते हैं। इन रत्नों को नवरत्न भी कहा जाता है। अन्य सभी पत्थरों को अर्ध-कीमती पत्थर कहा जाता है। भाव और राशि के अनुसार पहने गए रत्न हमारे जीवन में कई तरह के लाभ देते हैं, लेकिन कई फायदों के साथ-साथ रत्नों के कई दुष्प्रभाव भी होते हैं। 'लोकल 18' से बात करते हुए, उत्तराखंड के ऋषिकेश में तिरुपति जेम्स पैलेस के मालिक गोपाल अग्रवाल कहते हैं कि वह 35 वर्षों से रत्नों और उनके अर्ध-कीमती पत्थरों का निर्माण और बिक्री कर रहे हैं।
रत्नों के साथ-साथ लोग उनके अर्ध-कीमती पत्थर भी पहनते हैं, रत्न बहुत महंगे होते हैं और हर कोई इन्हें खरीद नहीं सकता। यही कारण है कि लोग अर्ध-कीमती पत्थर खरीदते हैं। रत्न धारण करने से पहले एक बात अवश्य ध्यान में रखनी चाहिए और वह है रत्नों के बारे में पर्याप्त जानकारी। कई बार रत्न फायदे के साथ-साथ नुकसान भी पहुंचाते हैं। इसी वजह से ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ खास रत्न ही पहनने चाहिए।
रत्नों के भी दुष्प्रभाव होते हैं।गोपाल
वैसे तो ऐसे कई रत्न हैं जिन्हें कोई भी बिना किसी दुष्प्रभाव के पहन सकता है, वहीं कुछ रत्न ऐसे भी हैं जिन्हें पहनने से पहले सावधानी बरतनी पड़ती है। नीलम और मूंगा ऐसे रत्न हैं जो फायदेमंद भी हो सकते हैं और नुकसानदायक भी। इसलिए किसी ज्योतिषी से सलाह लेने के बाद ही इन रत्नों को धारण करें।
इसके साथ ही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्न धारण करने के बाद कुछ नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है। नियमों का पालन न करने से अक्सर समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। कई लोग रत्न की अंगूठी को बार-बार उतारते हैं, ऐसा करने से रत्न का प्रभाव कम हो जाता है और रत्न सिद्ध नहीं हो पाता है। यदि आप किसी रत्न को अंगूठी के रूप में पहन रहे हैं तो अंगूठी को अपनी उंगली से न निकालें।