Jun 28, 2024, 09:31 IST

पहली बार ITR भर रहे हैं तो न करें ये गलती, नहीं तो रुक जाएगा आपका पैसा

यदि आप पहली बार आयकर रिटर्न यानी ITR भरने जा रहे हैं तो जरा सावधान। टैक्‍स जमा करवाने वालों को टैक्‍स कानूनों और कटौतियों के बारे में जानकारी होना जरूरी है। नहीं तो आपको मोटी चपत लग सकती है। 

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इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन नजदीक आ रही है. बहुत से लोग अभी तक आईटीआर नहीं फाइल कर पाएं हैं. इनकम टैक्‍स अधिनियम के मुताबिक सभी इंडिविजुअल को टैक्‍स रिटर्न फाइल करना अनविार्य है. असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए कई टैक्‍सपेयर पहली बार रिटर्न फाइल करेंगे. अगर आप भी पहली बार आईटीआर भरने जा रहे हैं तो कुछ पॉइंट को हमेशा याद रखना चाहिए. 

अगर कोई पहली बार आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल कर रहा है तो यह एक कठिन काम हो सकता है. पहली बार टैक्‍सपेयर्स को टैक्‍स कानूनों, कटौतियों और छूटों के बारे में पता होना चाहिए, ताकि वे दाखिल करने की प्रक्रिया का पालन कर सकें. 

फॉर्म 16 
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए ITR दाखिल करने का पहला कदम नियोक्ताओं से अपना फॉर्म-16 प्राप्त करना है. यह दस्तावेज महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नियोक्ताओं (कंपनियों) द्वारा कर्मचारियों को प्रदान किया जाने वाला एक आवश्यक TDS प्रमाणपत्र है, जो वेतन और अन्य सोर्स से TDS की जानकारी देता है. कंपनियां हर महीने कर्मचारियों के वेतन से TDS काटती हैं और इसे सरकार को जमा करती हैं. फॉर्म 16 एक व्यापक दस्तावेज है जिसमें आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आवश्यक सभी आवश्यक जानकारी शामिल होती है. फॉर्म 16 A और B दोनों पार्ट में होता है. 

टैक्‍स व्‍यवस्‍था
सबसे ज्‍यादा ध्‍यान इस बात का रखना चाहिए कि आप कौन सा टैक्‍स विकल्‍प चुनते हैं. ओल्‍ड एंड न्‍यू दो तरह के टैक्‍स रिजिम होते हैं. दोनों के लिए टैक्‍स स्‍लैब रेट्स अलग-अलग होते हैं. ओल्‍ड टैक्‍स रिज‍िम एक ऐसी व्‍यवस्‍था होती है, जिसके तहत 5 लाख तक के सालाना इनकम पर टैक्‍स छूट है. हालांकि आप इसमें हाउस रेंट अलाउंस (HRA), लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA), धारा 80C, 80D, 80CCD(1b), 80CCD(2) और अन्य के तहत ज्‍यादा से ज्‍यादा टैक्‍स छूट क्‍लेम कर सकते हैं. 

वहीं न्‍यू टैक्‍स रिजिम के तहत 7 लाख रुपये तक की इनकम पर कोई टैक्‍स नहीं देना होता है. हालांकि आपको इसके तहत हाउस रेंट अलाउंस (HRA), लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA), धारा 80C, 80D, 80CCD(1b), 80CCD(2) और अन्य के तहत टैक्स छूट नहीं दिया जाता है. 

कुल टैक्‍सेबल इनकम 
पहली बार टैक्‍स भरने वालों को स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन व्‍यवस्‍था के बारे में जानना चाहिए. अगर आप अपनी टैक्‍स इनकम तक पहुंच जाते हैं तो स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन और कुल टैक्‍स छूट को सकल आय में से घटाया जाना चाहिए. 

फॉर्म 26AS
फॉर्म 26AS आपके एनुअल टैक्‍स डिटेल के रूप में कार्य करता है, जिसमें टैक्‍स डिडक्‍शन या कलेक्‍शन डिटेल और इनकम सोर्स जैसे महत्वपूर्ण विवरण शामिल होते हैं.  यह दस्तावेज सैलरी इनकम, बिजनेस बेनिफिट और बैंक निवेश से अर्जित ब्याज समेत अन्‍य राजस्व धाराओं के बारे में विस्‍तार से बताता है. फॉर्म 26AS में दी गई जानकारी नियोक्ता, कटौतीकर्ता, कलेक्‍शन और वित्तीय संस्थानों जैसे टैक्स डिडक्‍शन या कलेक्‍शन के लिए जिम्मेदार संस्थाओं द्वारा पेश किए गए टैक्‍स रिटर्न से निकाली जाती है. इसके अलावा, फॉर्म 26AS रियल एस्टेट लेनदेन और वर्चुअल एसेट लेनदेन से जुड़ी टैक्‍स कटौती से संबंधित डेटा भी कैप्चर करता है. 

एनुअल इनकम स्‍टेटमेंट 
एनुअल इनकम स्‍टेटमेंट (AIS) टैक्‍सपेयर्स के वित्तीय विवरणों का एक व्यापक सारांश है, जैसा कि फॉर्म 26AS में प्रस्तुत किया गया है. इसमें सोर्स पर टैक्‍स डिडक्‍शन (TDS), सोर्स पर टैक्‍स कलेकशन (TCS), ब्याज, डिविडेंड, शेयर बाजार की गतिविधियों और म्यूचुअल फंड लेनदेन की जानकारी शामिल है. AIS फॉर्म 26AS में उपलब्ध जानकारी का विस्तार करता है, टैक्‍स कटौती, भुगतान और वित्तीय गतिविधियों की डिटेल प्रोवाइड कराता है. इनकम टैक्‍स की वेबसाइट पर आप फॉर्म 26AS और AIS डाउनलोड कर सकते हैं. 

ITR भरने के लिए कौन से डॉक्‍यूमेंट की जरूरत 
पैन और आधार कार्ड, फॉर्म 16, इनटरेस्‍ट सर्टिफिकेट, एनुअल इनफॉर्मेशन स्‍टेटमेंट, फॉर्म 26AS, कैपिटल गेन डिटेल, टैक्‍स सेविंग इनवेस्‍टमेंट और एक्‍सपेंडेचर प्रूफ और होम लोन स्‍टेटमेंट होना जरूरी है.  

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