आपकी इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab)में आती हो या न आती हो, लेकिन आपके लिए आइटीआर भरना फायदेमंद ही है। यही कारण है कि बहुत से लोग आज इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return)भरते हैं। गौर करने की बात यह है कि इसे भरते समय कई बातों का ध्यान रखना होता है। अगर छोटी सी भी भूल कर दी तो बहुत महंगा पड़ता है। इनकम टैक्स विभाग की आपके एक-एक रुपये के लेन-देन पर नजर है। इसलिए income tax return को बहुत सावधानी से भरा जाना चाहिए।
समय पर भरें आईटीआर, गलत तथ्यों की न दें जानकारी
इनकम टैक्स रिटर्न यानी आइटीआर हमेशा समय पर भरी जानी चाहिए। देर से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Kaise bhre) करने वालों को 5000 रुपये की पेनल्टी देनी पड़ेगी। इस बार भी ऐसे लाखों टैक्सपेयर्स हैं, जो पहली बार आईटीआर फाइल (ITR File Kaise kre)करने जा रहे हैं। ऐसे में कई लोग बिना सही जानकारी के गलत ढंग से या आय संबंधी गलत तथ्यों की जानकारी देते हुए आईटीआर फाइल कर देते हैं, जिसके बाद उन्हें इनकम टैक्स नोटिस का सामना करना पड़ता है।
नोटिस का जवाब न देने पर होगी जांच
हर टैक्सपेयर्स को यह जानना जरूरी हो जाता है कि आपकी किन गलतियों के वजह से इनकम टैक्स नोटिस मिल सकता है और इससे बचने के लिए क्या करें। इनकम टैक्स विभाग से जब नोटिस आता है तो फिर परेशानी बढ़ना स्वाभाविक है। इनकम टैक्स विभाग (TAX Regimes)की गाइडलाइन के तहत ऐसे टैक्सपेयर्स जिनकी तरफ से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है, उनके मामलों की जांच अनिवार्य कर दी गई है।
प्रॉपर्टी बेचने पर आ सकता है नोटिस
इनकम टैक्स की धारा 142 (1) के तहत यह नोटिस तब जारी किया जाता है, जब टैक्सपेयर्स ने टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया हो। किसी बैंक से मिले इंटरेस्ट या प्रॉपर्टी के बेचने पर मिले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/लॉस से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए भी विभाग नोटिस जारी करता है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसको लेकर नियम तय किए हुए हैं और गाइडलाइंस भी तैयार की है।
क्यों आता है नोटिस
आमतौर पर इनकम टैक्स फाइल करने में गड़बड़ी, आईटीआर में दर्शायी गई राशि के मिसमैच होने या टैक्स इवेजन जैसे गंभीर मामलों में इनकम टैक्स विभाग नोटिस जारी करता है। इसके अलावा अगर विभाग को आपके आय या आय के सोर्स या निवेश से जुड़ी अधिक जानकारी चाहिए तो नोटिस जारी किया जाता है।
आयकर अधिनियम की धारा 142(1) इनकम टैक्स अधिकारियों को रिटर्न दाखिल किए जाने की स्थिति में टैक्सपेयर्स को नोटिस जारी कर जानकारी मांगने का अधिकार देती है। जिन मामलों में रिटर्न दाखिल नहीं किया गया हो उन्हें तय तरीके से आवश्यक जानकारी पेश करने को कहा जाता है। इसके अलावा विभाग संदेह होने पर इन्क्वायरी के लिए भी आईटी नोटिस भेज सकता है।
IT Notice का जवाब न देने पर क्या होगा?
विभाग नोटिस भेजकर टैक्सपयेर्स (Income Tax Notice)से कई चीजें जानने का प्रयास करता है। यह भी कोशिश होती है कि ITR भरने में जो टैक्सपेयर ने गलती की है उसका क्या कारण है। अगर इनकम और फाइल किए गए आंकड़े मेल नहीं खा रहे तो उसकी क्या वजह है।
समय पर दें नोटिस का जवाब
विभाग यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को बढ़ावा न मिले और सही समय पर उसकी जांच कर उसे ठीक किया जा सके। टैक्सपेयर जब नोटिस का जवाब देता है तब कई जानकारियां सामने आती हैं। इससे विभाग को जांच-पड़ताल करने में मदद मिलती है। नोटिस (Income Tax Notice kab aata h)की अनदेखी करने पर आगामी कार्रवाई भी की जा सकती है। इसलिए समय पर उचित जवाब देना ही बचाव है।