Dec 2, 2023, 19:13 IST

खास बात है कि यूपी के इस आरक्षित वन में 'सामुदायिक वानिकी मॉडल' लागू किया जा सकता है

इस मॉडल से मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी आई है। वहीं, वन विभाग और ग्रामीणों के बीच संघर्ष की घटनाएं लगभग शून्य हो गयी हैं. ऐसे में बाघ मित्र मॉडल को देश-विदेश में सराहा गया।
खास बात है कि यूपी के इस आरक्षित वन में 'सामुदायिक वानिकी मॉडल' लागू किया जा सकता है?width=630&height=355&resizemode=4
ताजा खबरों के लिए हमारे वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने को यहां पर क्लिक करें। Join Now
हमारे फेसबुक पेज से जुड़ने के लिए यहां पर क्लिक करें क्लिक करें

Harnoor tv Delhi news : हाल ही में, केन्या और तंजानिया के वन कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में पीलीभीत टाइगर रिजर्व का दौरा किया। इस मौके पर वन अमले ने पीटीआर के मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन रणनीति के बारे में जाना, वहीं यहां के अधिकारियों ने वहां के सामुदायिक वानिकी मॉडल को समझा। अब अधिकारी इसे लागू करने की सोच रहे हैं.

दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में पीलीभीत टाइगर रिजर्व में मानव-वन्यजीव संघर्ष की कई घटनाएं हुई हैं। इसे ध्यान में रखते हुए इन घटनाओं पर काबू पाने के लिए बाघ मित्र मॉडल लागू किया गया। इसके तहत बाघ की गतिविधियों के दौरान वन विभाग और ग्रामीणों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए वनवासियों की एक टीम बनाई गई है। इस मॉडल से मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में कमी आई है। वहीं, वन विभाग और ग्रामीणों के बीच संघर्ष की घटनाएं लगभग शून्य हो गयी हैं. ऐसे में बाघ मित्र मॉडल को देश-विदेश में सराहा गया। हाल ही में केन्या और तंजानिया से वनकर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी इस मॉडल को समझने आया था.

पीटीआर प्रशासन को एक तरफ सामुदायिक वानिकी मॉडल पसंद आया
विदेशी वन कर्मियों को पसंद आया पीलीभीत बाघ मित्र मॉडल, वहीं दूसरी ओर पीटीआर प्रशासन को तंजानिया के वन कर्मियों के अनुभव पर आधारित सामुदायिक वानिकी मॉडल पसंद आया. वस्तुतः सामुदायिक वानिकी के अंतर्गत वन संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। ग्रामीण अपनी भूमि पर वनों और वन्य जीवन को बढ़ावा देते हैं। ऐसे में ग्रामीण आपस में सामंजस्य स्थापित कर वन संरक्षण करें. साथ ही वे इको-टूरिज्म की तर्ज पर पर्यटकों के लिए आवास की व्यवस्था भी करते हैं। इससे न केवल जंगल और वन्यजीवों की रक्षा होती है बल्कि ग्रामीणों की आय भी बढ़ती है। अब अधिकारी इस मॉडल को लागू करने को लेकर वरिष्ठों से चर्चा कर रहे हैं।

यह रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
अधिक जानकारी देते हुए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक नवीन खंडेलवाल ने बताया कि यह मॉडल हमारे लिए नया है. इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी।

Advertisement