यूपी में वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा करने वालों पर लगेगा इतना जुर्माना, योगी सरकार ने तैयार की नियमावली
वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर उससे मुनाफा कमाने या किसी तरह से नुकसान पहुंचाने वालों पर अब जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माना वक्फ संपत्ति के सालाना बाजार मूल्य के 10 फीसदी के बराबर होगा.
इसके लिए उत्तर प्रदेश वक्फ नियमावली-2023 तैयार की जा रही है। इसमें संपत्तियों के रख-रखाव और अतिक्रमण हटाने की नई नीति निर्धारित की जा रही है।
राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों में वक्फ की कई संपत्तियां हैं. इनमें जमीन से लेकर इमारतें तक शामिल हैं। आपसी गठजोड़ के सहारे सुनियोजित तरीके से आवासीय एवं व्यवसायिक उपयोग के लिए इन पर कब्जा किया जा रहा है।
राज्य सरकार ऐसी संपत्तियों की सुरक्षा करना चाहती है. पात्रों को छोड़कर अन्य लोगों से अवैध कब्जा कर इसे वापस लेने और जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया जा रहा है।
अतिक्रमण के मामलों में, संपत्ति के पक्षों को मुख्य कार्यकारी अधिकारी के समक्ष संपर्क करना होगा और अपना दावा पेश करना होगा। मुख्य कार्यकारी अधिकारी पक्षों की सुनवाई के दौरान सभी साक्ष्य सुनेंगे। प्रत्येक मामले में तथ्यों एवं परिस्थितियों के अनुसार साक्ष्य मांगा जा सकता है।
यदि अतिक्रमण की पुष्टि हो जाती है तो अतिक्रमित भूमि, भवन, स्थान या अन्य संपत्ति को हटाकर मुतवल्ली को सौंपने का आदेश जारी किया जाएगा।
कार्यवाही के दौरान किसी पक्ष की मृत्यु होने पर उसके सभी कानूनी दावेदारों को एक पक्ष बनाया जाएगा। यदि अतिक्रमण की पुष्टि के 45 दिनों के भीतर बेदखली के आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है, तो मुख्य कार्यकारी अधिकारी मामले को कार्यकारी मजिस्ट्रेट को संदर्भित करेंगे।
कैसे तय होगा मुआवजा?
- अतिक्रमण कब किया जा रहा है, यह देखा जाएगा
- अतिक्रमण के दौरान इसे किराए पर लिया गया था या खुद ही इस्तेमाल किया जाता था
-अतिक्रमण अवधि के दौरान परिसर को कितना नुकसान हुआ
- वक्फ संपत्ति के बाजार मूल्य का 10 प्रतिशत वार्षिक जुर्माना लगाया जाएगा
- आदेश के बाद भी अतिक्रमण नहीं हटाने पर बाजार दर का 20 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा
- जमा न करने की स्थिति में भू-राजस्व बकाया के रूप में इसकी वसूली की जाएगी