नए घर की खुशियां गम में बदल गईं। मकान के मुहूर्त को लेकर पूरे परिवार में खुशी और उत्साह का माहौल था। मां वैष्णो देवी के दरबार से वापसी के बाद जल्द ही मकान का मुहूर्त कर उसमें शिफ्ट होने की पूरी तैयारी कर रखी थी, लेकिन अनहोनी हो गई। बुलंदशहर के भोपतपुर गांव निवासी राजेंद्र ने 25 वर्ग गज के मकान की जगह 100 वर्ग गज का नया मकान बनाकर मुहूर्त से पहले अपने सभी भाइयों को परिवार सहित मां वैष्णो देवी के दरबार ले जाने का कार्यक्रम तय किया था।
राजेंद्र के चार भाई भी परिवार सहित वीरवार शाम करीब सात बजे टेंपो ट्रैवलर में सवार होकर दर्शन के लिए चल दिए। बीच रास्ते में राजेंद्र ने अपनी बहन और जीजा को सोनीपत के जाखौली से साथ बिठा लिया। सारा परिवार हंसता-गाता और खुशियां मनाते हुए हुआ आगे बढ़ रहा था, लेकिन बीच रास्ते में इनकी खुशियों को किसी की नजर लग गई। एक हादसे ने पूरे हंसते-खेलते परिवार को उम्रभर का गम दे दिया। हादसे में राजेंद्र ने अपने जीजा, दोहती, दो भाइयों-भाभी और ससुर तक को खो दिया।
सभी को कहा था मई में करेंगे मुहूर्त
छावनी नागरिक अस्पताल में उपचाराधीन राजेंद्र के बेटे सुमित ने बताया कि उनके पिता राजेंद्र ने अपने तीनों सगे भाइयों, बहन और ताऊ के लड़के सतबीर, मामा-मामी और नाना-नानी को भी साथ चलने के लिए बोला था। सभी को करीब एक डेढ़ महीने पहले बता दिया था कि मई में सभी फ्री रहना। वैष्णो देवी चलेंगे। इसके लिए उनके पिता ने 52 हजार रुपये में गाड़ी भी बुक करज्ञ दी थी। बस पूरी तरह से भर गई थी इसी कारण 10-12 अन्य सदस्य चाहते हुए भी रवाना नहीं हो सके।
ड्राइवर ने सभी का जीवन डाला खतरे में
सुमित ने बताया कि ड्राइवर बहुत ज्यादा तेजी से बस चला रहा था। हादसे के समय सभी सोए हुए थे जब उठे तो उन्हें समझ ही नहीं आया आखिर यह सब कैसे हो गया? सुमित के अनुसार बस ड्राइवर की साइड ही सबसे सुरक्षित बची थी। ऐसे में उन्हें लगता है जब बस अनियंत्रित हो गई और आगे ट्राला देखा तो ड्राइवर ने खुद को बचाने के लिए बस दूसरी साइड मोड़ दी। इसीलिए वह खुद तो बच गया, लेकिन एक हिस्से के परखचे उड़ गए।