Harnoor tv Delhi news : 1975 की फिल्म, जिसके मशहूर डायलॉग आज भी बच्चे-बच्चे खूब बोलते हैं। उस फिल्म के रिलीज होने के कई साल बाद भी लोग आज भी न सिर्फ उस फिल्म की कहानी बल्कि फिल्म के गाने भी पसंद करते हैं। 70 के दशक में रिलीज हुई इस फिल्म ने उस साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. इस फिल्म के निर्माण के बारे में आपने कई कहानियां सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको फिल्म की एक अनकही कहानी बताते हैं, जिसके बारे में शायद 80 फीसदी लोग नहीं जानते।
क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म के लिए संजीव कुमार निर्माताओं की पहली पसंद नहीं थे। इतना ही नहीं बल्कि वह खुद भी 'ठाकुर' का किरदार नहीं निभाना चाहते थे. हालांकि, बाद में जब उन्हें 'ठाकुर' का रोल मिला तो उन्होंने न सिर्फ इस रोल में जान डाल दी बल्कि फीस के मामले में भी अमिताभ को पीछे छोड़ दिया।
गब्बर, जय-वीरू, बसंती से लेकर 'शोले' के ठाकुर तक ऐसे कई किरदार हैं जिन्हें लोग आज तक नहीं भूल पाए हैं। मल्टी-स्टारर फिल्म में धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, अमजद खान, हेमा मालिनी, जया बच्चन और संजीव कुमार ने अभिनय किया। लेकिन इस फिल्म के लिए संजीव कुमार की जगह किसी और दिग्गज कलाकार को फिल्म में लेना चाहते थे। दिलचस्प बात यह है कि खुद संजीव कुमार भी यह किरदार नहीं निभाना चाहते थे।
'ठाकुर ना झुक मयौता है, ना तोड़ मयौता है, ठाकुर मर मयौता है...' जैसे आइकॉनिक डायलॉग्स बनाने वाले एक्टर संजीव कुमार 'गब्बर' का किरदार निभाना चाहते थे। लेकिन, रमेश सिप्पी ने 'गब्बर' के किरदार के लिए अमजद खान को फाइनल कर लिया था। 'ठाकुर' के किरदार के लिए पहली पसंद संजीव कुमार नहीं बल्कि दिलीप कुमार थे, लेकिन दिग्गज अभिनेता ने यह रोल ठुकरा दिया। दिलीप कुमार ने अपने साक्षात्कारों में इस भूमिका को ठुकराने के लिए कई बार माफ़ी मांगी है।
हालांकि, संजीव कुमार ने ठाकुर की भूमिका के लिए हामी भर दी और अपने दमदार अभिनय से लोगों का दिल जीत लिया। 1975 की यह ब्लॉकबस्टर 2-3 करोड़ रुपये के बजट पर बनी थी। बाद में फिल्म ने दुनिया भर में 50 करोड़ रुपये की कमाई की। साथ ही इस फिल्म ने ऐसा इतिहास रचा कि आज भी नई फिल्में इस फिल्म के कई रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाई हैं.
फिल्म की कहानी लिखने वाले लेखक सलीम खान और जावेद अख्तर को भी 10,000 रुपये की फीस दी गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म में 'ठाकुर बलदेव सिंह' का किरदार निभाने के लिए संजीव कुमार को 1 लाख 25 हजार रुपये दिए गए थे।
आप इस बात पर यकीन नहीं करेंगे, लेकिन 'जय' के किरदार के लिए अमिताभ बच्चन को संजीव कुमार से भी कम फीस मिली थी। इस किरदार के लिए उन्हें सिर्फ एक लाख रुपये मिले थे.