Harnoor tv Delhi news : 2024 के पहले महीने में हिंदुओं का प्रमुख त्योहार मकर संक्रांति मनाया जाएगा. इस त्यौहार का विशेष महत्व माना जाता है। ज्योतिष गणना के अनुसार नए साल में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। वह दिन पौष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है और सोमवार है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं और उसके बाद लगभग एक महीने तक मकर राशि में ही रहते हैं। यह त्यौहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने की परंपरा है और लंबे समय से लोग इस दिन पतंग उड़ाते आ रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में भी संक्रांति के दिन कई लोग पतंग उड़ाते नजर आते हैं. वैसे तो इस त्योहार के दौरान कई जगहों पर पतंगें देखी जा सकती हैं, लेकिन कुछ जगहों पर सस्ती पतंगें भी उपलब्ध होती हैं।
राजधानी दिल्ली का चांदनी चौक बाज़ार ऐतिहासिक है और इसके अंदर छोटे-छोटे बाज़ार हैं। इस बाजार में कई तरह की अद्भुत चीजें उपलब्ध हैं। चांदनी चौक में ही लाल कुआं बाजार है, जो अपनी सस्ती पतंगों के लिए देशभर में मशहूर है। कई लोगों की मानें तो यहां आपको 5-10 रुपये से लेकर हजारों रुपये तक की पतंगें मिल जाती हैं. इनमें रंग-बिरंगे पतंगे भी शामिल हैं। अगर आप कोई खास पतंग बनाना चाहते हैं तो आपको वह विकल्प भी मिल जाएगा. लोग अपनी पसंद के अनुसार पतंगें बनाने का ऑर्डर भी दे सकते हैं। यहां पतंगें बनाई जाती हैं इसलिए कीमत अन्य जगहों की तुलना में कम है।
इसके अलावा ऑनलाइन भी कई तरह की पतंगें
अगर आप घर बैठे ऑनलाइन पतंग ऑर्डर करना चाहते हैं तो आपके लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर आपको कई तरह की पतंगें मिल जाएंगी। हालांकि, यहां पतंगों की कीमतें बाजार से ज्यादा हैं। यहां आपको 100 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक की पतंगें मिल जाएंगी। इसमें बाज और चील के साथ कई खूबसूरत डिजाइन वाली पतंगें भी हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आपको कई तरह की पतंगें और पतंगें मिल जाएंगी, जिन्हें आप अपने बजट के मुताबिक खरीद सकते हैं। मकर संक्रांति पर आप कुछ ही घंटों में ऑनलाइन पतंगें प्राप्त कर सकते हैं।
लोग अक्सर सोचते हैं कि मकर संक्रांति पर पतंगें क्यों उड़ाई जाती हैं। इस पर भोपाल निवासी ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि मकर संक्रांति के दिन पूरे देश में पतंगें उड़ाई जाती हैं, इसलिए इसे पतंग महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। संक्रांति पर पतंग उड़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है। दक्षिण भारत के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्री राम ने शुरू की थी। ऐसा उल्लेख मिलता है कि भगवान श्री राम द्वारा उड़ाई गई पतंग इंद्रलोक तक गई थी। तब से यह परंपरा आज भी निभाई जाती है।