Harnoor tv Delhi news : कानपुर कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में इन दिनों एक नया प्रयोग किया जा रहा है। इसकी जमकर चर्चा हो रही है. वैसे तो यह एक एलोपैथी सेंटर है, लेकिन यहां मरीजों को सिर्फ एलोपैथी ही नहीं बल्कि मनोवैज्ञानिक इलाज भी दिया जाता है।
हृदय रोगियों के इलाज के लिए कानपुर हार्ट इंस्टीट्यूट प्रदेश का सबसे बड़ा संस्थान है। यहां करीब 30 जिलों से लोग इलाज के लिए आते हैं। इस हृदय रोग संस्थान में डॉक्टरों ने अद्भुत प्रयोग शुरू किये हैं. मरीजों को दवाइयों के साथ रामायण-गीता भी दी जाती है.
मरीज के अस्पताल पहुंचते ही उसकी गहन जांच की जाती है। जिन मरीजों की सर्जरी होनी है उन्हें भर्ती किया जाता है। उनका न सिर्फ इलाज किया जाता है बल्कि उन्हें रामायण-गीता, सुंदरकांड जैसी धार्मिक किताबें भी दी जाती हैं। डॉक्टर मरीजों को इसे पढ़ने की सलाह देते हैं।
इसका उद्देश्य बीमारी के कारण तनाव में आए मरीज का ध्यान भटकाना है। धार्मिक पुस्तकें पढ़ने से मुझे साहस मिला। डॉक्टरों का कहना है कि इसके नतीजे भी आश्चर्यजनक हैं. रोगी को जल्द ही लाभ मिलना शुरू हो जाता है और वह जल्दी ठीक हो जाता है।
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज कुमार कहते हैं, मरीज को जितनी दवा की जरूरत होती है, उतनी ही जरूरत साहस और सकारात्मक ऊर्जा की भी होती है। इसीलिए हम मनोचिकित्सा के माध्यम से इलाज करते हैं। ऐसा करने का मतलब है कम समय में मरीजों को ठीक करना।