Harnoor tv Delhi news : दुनिया में कई ऐसी बीमारियां हैं जिनके शिकार होने पर आपका करियर बर्बाद हो सकता है। आंखों से जुड़ी ऐसी ही एक बीमारी को पीटोसिस कहा जाता है। हालाँकि, आम बोलचाल की भाषा में इसे पीटोसिस भी कहा जाता है। इस खतरनाक बीमारी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आजकल यह छोटे-छोटे बच्चों को भी अपना शिकार बना रहा है। वहीं, हाल ही में दिग्गज बॉलीवुड एक्ट्रेस जीनत अमान ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बताया कि वह टॉसिस नाम की बीमारी से पीड़ित हैं। 40 साल पहले लगी चोट के कारण उन्हें यह बीमारी हुई। इस बीमारी के कारण उनकी दाहिनी आंख की मांसपेशियों में दिक्कत के कारण सर्जरी करानी पड़ी थी।
पीटोसिस एक नेत्र रोग है जिसमें पलकें झुक जाती हैं। ऐसी स्थिति में मरीज को देखने में दिक्कत होती है। हालांकि, अगर समय रहते बीमारी के लक्षणों को समझ लिया जाए और इलाज किया जाए तो मरीज ठीक हो सकता है। लेकिन सवाल यह है कि सोरायसिस क्या है? इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं? राजकीय मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक रंजन इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं।
पीटोसिस का कारण क्या है?
डॉ। आलोक रंजन बताते हैं कि लेवेटर पैल्पेब्रा सुपीरियरिस (एलपीएस) मांसपेशी का कार्य ऊपरी पलक को ऊपर उठाना और ऊपरी पलक की स्थिति को बनाए रखना है। लेकिन जब यह ख़राब हो जाता है या काम करना बंद कर देता है, तो पलकें झड़ जाती हैं। इस स्थिति में या तो मरीज़ को कुछ धुंधला दिखाई देने लगता है या फिर उसकी दृष्टि ख़राब हो जाती है। वैसे तो पीटोसिस की समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन यह बीमारी बढ़ती उम्र के साथ सामने आती है। उम्र, मांसपेशियों की कमजोरी, पुरानी आंख की बीमारी, आघात, मायस्थेनिया ग्रेविस, तंत्रिका क्षति आदि इस बीमारी का कारण बन सकते हैं। हालाँकि, कुछ लोगों में पीटोसिस नामक बीमारी जन्मजात भी हो सकती है।
पीटोसिस के मुख्य लक्षण
डॉ। आलोक रंजन के अनुसार ऑक्यूलर सोरियाटिक आर्थराइटिस के तीन चरण होते हैं। इनमें प्राइमरी हल्का (2 मिमी), सेकेंडरी मोटरेट (2-4 मिमी) और तीसरा गंभीर (4 मिमी से ऊपर) होता है। पीटोसिस के कारण रोगी को देखने और पलकें हिलाने में कठिनाई हो सकती है। आंखों पर दबाव, आंखों में दर्द, देखने में कठिनाई, धुंधली दृष्टि, पलकें उठाने पर दर्द, तनाव और आंखें खोलने में कठिनाई पीटोसिस के मुख्य लक्षण हैं।
पीटोसिस से बचाव के उपाय
डॉ। आलोक रंजन के मुताबिक, सोरायसिस गंभीर बीमारियों में से एक है। ज्यादातर मामलों में यह बीमारी खान-पान और जीवनशैली से जुड़ी होती है। ऐसे में अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना ज्यादा जरूरी है। विशेषज्ञ पीटोसिस पीड़ितों को विटामिन 12, खनिज और प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ खाने की सलाह देते हैं। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि पीटोसिस के लक्षण दिखने पर पहले डॉक्टर से सलाह लें।