Harnoor tv Delhi news : सनातन धर्म में भगवान राम को मर्यादा पुरूषोत्तम की उपाधि दी गयी है। इसीलिए रामनवमी हिंदुओं के लिए एक विशेष त्योहार है। वैदिक पंचांग के अनुसार राम नवमी का त्योहार हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल राम नवमी 17 अप्रैल 2024 को मनाई जा रही है. इस दिन शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से भगवान राम की पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। भोपाल निवासी ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने न्यूज18 हिंदी को रामनवमी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है. आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व।
राम नवमी 2024 तिथि
हिंदी पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 01:23 बजे से शुरू हो रही है जो अगले दिन यानी 17 अप्रैल को दोपहर 03:15 बजे समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार 17 अप्रैल 2024 को रामनवमी का त्योहार मनाया जा रहा है.
राम नवमी 2024 का शुभ समय:
इस साल भगवान राम की पूजा का शुभ समय 17 अप्रैल को सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक रहेगा. राम की पूजा के लिए भक्तों को 2 घंटे 35 मिनट का समय मिलेगा.
रामनवमी के दिन दोपहर 12:20 बजे के बाद यानी दोपहर का मुहूर्त।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:34 बजे से 3:24 बजे तक.
संधिप्रकाश मुहूर्त- शाम 06:47 से 07:09 बजे तक.
राम नवमी 2024 पूजा विधि
- रामनवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- इसके बाद पूजा स्थल को साफ करें और व्रत का संकल्प लें.
- इसके बाद राम की पूजा शुरू करें.
- एक साफ कपड़े पर भगवान राम, माता सीता, भाई लक्ष्मण और भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित करें।
- इसके बाद चंदन, रोली, धूप, फूल, माला, इत्र आदि से सभी की एक-एक करके पूजा करनी चाहिए।
- अब भगवान राम की पूजा में गंगा जल चढ़ाएं और कमल और तुलसी के पत्ते भी चढ़ाएं. - इसके अलावा दो या तीन तरह के फल, मिठाई और फूल चढ़ाएं.
-अब श्रद्धापूर्वक रामायण, रामचरितमानस और रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें.
- अंत में भगवान राम, माता सीता, भाई लक्ष्मण और हनुमानजी की आरती करें.
- पूजा के बाद सारा प्रसाद बांट दें.
राम नवमी का महत्व:
सनातन धर्म में हर साल रामनवमी का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। भगवान राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या के राजा दशरथ के घर में हुआ था। जो उनका सबसे बड़ा बेटा कहलाता था. माना जाता है कि राम का जन्म रावण को मारने के लिए हुआ था।