Harnoor tv Delhi news : सनातन धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही विशेष और पवित्र व्रत माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूरे विधि-विधान और सच्ची श्रद्धा से पूजा करने की परंपरा है। दरअसल हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है। लेकिन चूंकि यह मार्ग मास है इसलिए एकादशी व्रत का महत्व बढ़ जाता है। इस खास दिन पर लोग सच्ची श्रद्धा से व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। हम आपको बता दें कि एक माह में दो बार एकादशी आती है। इस बार 8 दिसंबर को व्रणम एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 माह में 24 एकादशियां व्रत रखे जाते हैं। सभी एकादशियों के अलग-अलग नाम हैं। लेकिन, सभी एकादशियों के व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और तुलसीमाता की पूजा की जाती है। यदि कोई भगवान विष्णु की पूजा का फल पाना चाहता है तो वह तुलसी की सहायता से प्राप्त होता है। इसलिए जो लोग इस दिन एकादशी का व्रत रखते हैं उन्हें तुलसीमैया की विशेष पूजा करनी चाहिए। भगवान को भोग लगाते समय तुलसी के पत्ते भी चढ़ाए जाते हैं। इस दिन एकादशी से पहले शाम को भोजन का त्याग किया जाता है और फिर एकादशी तक उपवास किया जाता है।
आय एकादशी से शुरू होता है व्रत
द्वादशी तिथि के दिन ब्रह्म मुहूर्त में सुबह स्नान करके भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए और पितरों को दान देना चाहिए। पूजा करने वाले साधक को भोजन भी करा सकते हैं। इस दिन भगवान की आराधना में अधिक से अधिक समय व्यतीत करना चाहिए। एकादशी व्रत के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। अगर आप एकादशी व्रत शुरू करना चाहते हैं तो इस दिन से करें। इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी है। सभी एकादशियों के अलग-अलग नाम हैं। जैसे कमला एकदशी, पद्मा एकदशी, देवसैनी एकदशी, देवउठनी एकदशी, उत्पन्ना एकदशी। तो आप इस आय एकादशी के दिन से ही एकादशी व्रत का पालन शुरू कर सकते हैं।