Harnoor tv Delhi news : हर इंसान के जीवन में कुछ न कुछ शौक होते हैं लेकिन कुछ लोगों के शौक अनोखे होते हैं। एक शौक जो जुनून बन जाता है और एक जुनून जो इतिहास को संजोकर रखता है। यह कहानी है लखनऊ के रहने वाले कालिदास की, जिन्होंने अपना अधिकांश जीवन दुनिया भर से डाक टिकट इकट्ठा करने में बिताया। कालिदास के पास दुनिया के 60 से अधिक देशों के डाक टिकट हैं, जिनमें दुर्लभ और ऐतिहासिक महत्व के टिकट भी शामिल हैं जो अब दुनिया में कहीं भी देखने को नहीं मिलते हैं।
कालिदास ने यह अनोखा शौक अपने दादा और पिता की प्रेरणा से शुरू किया था। उनका कहना है कि उनका यह शौक उनके पिता की विरासत है, जिसे उन्होंने न केवल बनाए रखा बल्कि संवारा भी। इसलिए आज उनके पास भारत और दुनिया के विभिन्न देशों (कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यमन, स्कॉटलैंड और अन्य देशों) में जारी लगभग सभी महत्वपूर्ण डाक टिकटों का संग्रह है।
दुर्लभ मोहर
इस संग्रह में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जारी किए गए विशेष और दुर्लभ टिकट शामिल हैं जिनमें देश की महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाया गया है। इनमें से कई टिकटें अब छप चुकी हैं, जिससे ये बेहद मूल्यवान हो गए हैं, आज ये दुर्लभ टिकटें केवल कुछ चुनिंदा लोगों के हाथों में ही मिलती हैं और आसानी से नजर नहीं आतीं। ये टिकट संग्राहकों के लिए एक मूल्यवान खजाना हैं और उनकी सीमित उपलब्धता उन्हें और भी अधिक मूल्यवान बनाती है।
टिकटों का रखरखाव चुनौतीपूर्ण है,
कालिदास का कहना है कि वह अब अपना कलेक्शन बेचना चाहते हैं, क्योंकि 70 साल की उम्र में इसे संभाल कर रखना उनके लिए काफी मुश्किल हो रहा है। साथ ही उनका मानना है कि दुनिया भर में ऐसे कई लोग हैं जो इस तरह के टिकटों का संग्रह करते हैं. आजकल नई पीढ़ी के लोगों को यह शौक काफी पसंद आ रहा है। अगर आप उनसे पुरानी चीजें खरीदना चाहते हैं तो आपको कालिका आर्ट एंड क्राफ्ट, मोती महल ब्रिज पर जाना होगा। चारबाग रेलवे स्टेशन से आप ऑटो कैब से आसानी से पहुंच सकते हैं।