क्यों पड़ा इसका यह नाम जानिए। हम अक्सर सुनते आ रहे है 0-वाट बल्ब बल्ब या लाइट के बारे में जीरो वाट के बल्ब के बारे में तो हम सबने कभी न कभी सुना ही है
ज़्यादातर नाइट बल्ब या लैंप के तौर पर किया जाता है. इसका नाम सुनते ही सभी के मन में ये ख्याल आता है कि इससे बिजली की खपत बिलकुल नहीं होती है
ये जीरो वाट होता है. लेकिन क्या सच में ऐसा है. आइये इस बारे में जानते है.
जानकारी के मुताबिक बता दे की तकनीकी रूप से, 0-वाट बल्ब जैसी कोई चीज़ ही नहीं होती है. ये बल्ब आमतौर पर 12-15 वॉट बिजली की खपत करते हैं
कि अगर कोई बल्ब बिजली की खपत करेगा ही नहीं, तो वह जल ही नहीं सकता है.
ये कहना गलत होगा कि ये जीरो वाट का होता है, इसलिए इसका मतलब इनसे बिजली नहीं खर्च होती है.
और इसके नाम के बारे में बताये तो पुराने टाइम का जो मीटर होता था, वह आज के मीटर के मुकाबले कम सेंसिटव होते थे
वह 10-12 जैसे कम वाट पावर को नहीं माप पाते थे, और बल्ब जलने के बाद भी इंडीकेटर में जीरो दिखाई देता था.
कंवेशनल इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक एनर्जी मीटर खपत को रिकॉर्ड नहीं कर पाते थे.
उसकी रीडिंग नहीं आती थी, और यही वजह है कि इसका नाम जीरो वाट बल्ब पड़ गया है