Bawaal: क्या सिर्फ सब्सिडी के लिए बनाई गई ‘बवाल’, जानिए क्या कहते हैं हिंदी फिल्म इंटस्ट्री के एक्सपर्ट
इंडस्ट्री में ये चर्चा आम है कि ये फिल्म इस तरह से बुनी गई कि इसकी शूटिंग के जरिये न सिर्फ शेनेगर वीजा वाले देशों के पर्यटन उद्योग को फायदा पहुंचे बल्कि इसके जरिए अधिक से अधिक सब्सिडी भी बटोरी जा सके
, हालांकि इस बारे में फिल्म के निर्माता साजिद नाडियाडवाला अभी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं।
इस शर्त पर वापस की जाती है कि इससे वहां के दर्शनीय स्थलों का प्रचार होगा। यूरोप के तमाम देश इसीलिए इन दिनों हिंदी फिल्मों और देश की दूसरी भाषाओं की फिल्मों के निर्माताओँ के पसंदीदा स्थल बने हुए हैं
निर्माता के माथे पर शिकन इसलिए नहीं आती क्योंकि उनके दिए गए खर्चे के बिल पर उन्हें एक तय राशि वापस मिल जाती है।
मुंबई में ये चर्चा आम है कि सब्सिडी की वजह से ही इस फिल्म की कहानी को इन स्थानों में रखते हुए बुना गया। और, इसी वजह से कहानी अपने मूल मुद्दे से भटक गई।
फिल्म का बजट भी करीब करीब इतना ही है। यानी कि फिल्म को अमेजन प्राइम वीडियो से जो भी रकम मिली वह फिल्म का मुनाफा बन चुकी है। फिल्म 'बवाल' को मिली सब्सिडी को लेकर फिल्म के निर्माता साजिद नाडियाडवाला से भी बात करने की कोशिश की गई
आज के निर्माता काफी होशियार हो गए हैं। कहानियों का चयन ही ऐसा करते हैं कि विदेशी लोकेशन पर फिल्म की शूटिंग की जा सके, खास तौर पर वहां जहां पर फिल्म को सब्सिडी मिल सके