अब क्या; NDA की बैठक में एक को तवज्जो से केंद्रीय मंत्री नाराज, दूसरे से पूर्व केंद्रीय मंत्री खफा
सिर्फ विपक्षी एकता में ही उठापटक नहीं है। 18 जुलाई को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की दिल्ली में होने वाली बैठक भी उसी रास्ते पर है
राजनीति के लिए मायने रखने वाले हैं। राजनीति का भविष्य कैसा होगा, किस करवट बैठेगा; इसके लक्षण दिखने शुरू हो चुके हैं।
नीतीश कुमार के प्रयास से देशभर के भाजपा विरोधी दलों के महाजुटान के दूसरे चरण में 17-18 जुलाई को बेंगलुरु की बैठक से शरद पवार के पैर खींचने की खबर मायने रखेगी
ऐसा नहीं कि वहीं सिरफुटौव्वल है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की बैठक के पहले भी इसी तरह की खींचतान सामने आ रही है।
पिछले कुछ दिनों से केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस बेहद परेशान हैं। दिवंगत रामविलास पासवान के भाई का पूरा कुनबा गुत्थमगुत्था हो रहा है
रामविलास पासवान के बेटे और जमुई के सांसद चिराग पासवान की एनडीए में एंट्री से परेशानी है
इधर, एनडीए सरकार में ही केंद्रीय राज्यमंत्री रह चुके उपेंद्र कुशवाहा भी नाराज हैं। मोदी पक्ष या मोदी विरोध के सवाल पर वह भले कह रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री की कुर्सी पर नरेंद्र मोदी का विकल्प नहीं है