गहन मंथन के बाद आखिरकार कांग्रेस ने कर्नाटक की कमान सौंपने का निर्णय कर लिया और इसे उचित भी माना जा रहा है।
कर्नाटक के दो कद्दावर नेताओं सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश की थी
कर्नाटक विधानसभा चुनाव जिताने में दोनों की अहम भूमिका मानी जा रही है
स्वाभाविक ही पार्टी आलाकमान के सामने मुश्किल थी कि वह दोनों में से किसे मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपे
जिन दलों में कई कद्दावर नेता होते हैं, वहां ऐसी दुविधा की स्थिति पैदा होती ही है।
सिद्धरमैया अनुभवी नेता हैं, इससे पहले पांच साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनका कार्यकाल संतोषजनक रहा है