महिलाओं के लिए काफी बदल गई इंडस्ट्री?

समाज में बराबरी का दर्जा हासिल करने की महिलाओं की लड़ाई जारी है। सिनेमा भी समाज का हिस्सा है और महिलाओं के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया यहां भी देखा जाता है। अक्सर असमान वेतन, फिल्मों में हीरोइन की भूमिकाओं आदि को लेकर सवाल उठते रहते हैं

अभिनेत्री रेणुका शहाणे ने कहा था कि वह फिल्म '

'हम आपके हैं कौन' के सेट पर पानी नहीं पीया करती थीं। इसकी वजह थी कि वहां वॉशरूम की सुविधा नहीं थी। इस वजह से वह शूटिंग खत्म करने जब होटल जातीं तभी पानी पीया करतीं।

अभिनेत्री जया बच्चन ने भी एक बार अपनी

नातिन नव्या नवेली नंदा के पॉडकास्ट में शूटिंग की खराब परिस्थितियों का सामना करने के बारे में बात की थी। उन्होंने कहा था कि वैनिटी वैन नहीं होने के चलते काफी मुश्किलें रहती थीं।

एक्ट्रेस ने बताया था, 'जब हम बाहर काम किया करते थे

तो हमारे पास वैन नहीं होती थी। हमें झाड़ियों के पीछे कपड़े बदलने पड़े।' जब नव्या ने पूछा था, 'सैनेटरी पैड?' जया का जवाब था, 'सबकुछ। तब प्रॉपर वॉशरूम भी नहीं थे। यह अटपटा और शर्मनाक था।

अपने जन्मदिन के मौके पर मनीषा कोइराला ने

बॉलीवुड की खूब तारीफ की और कहा कि इस इंडस्ट्री का दिल सोने का है, जो बाहर से आने वाले लोगों का भी दिल खोलकर स्वागत करती है। जब उनसे पूछा गया कि क्या बदलाव आए हैं पहले के मुकाबले? सेट पर फीमेल एक्ट्रेस अब ज्यादा हैं

इस पर उन्होंने खुद से जुड़ा एक किस्सा साझा करते हुए कहा था

फिल्म 'मन' की शूटिंग के दौरान हेयरड्रेसर्स को छोड़कर सारे मेकअप आर्टिस्ट पुरुष थे। लेकिन, जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि वह सहज नहीं हैं, तो उनकी बात मानी गई। मनीषा के मुताबिक, 'मैंने फीमेल मेकअप आर्टिस्ट के लिए कहा। मैं शुक्रगुजार हूं कि बाद में नियम बदला।

दिवंगत एक्ट्रेस श्रीदेवी ने भी इस मामले में

चुप्पी तोड़ी थी। उन्होंने खुलासा किया था कि वैनिटी वैन के अभाव में झाड़ियों के पीछे कपड़े बदलने पड़ते थे। दिवंगत एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में बताया था

पहले जमाने में जब वैनिटी वैन

जैसी कोई चीज नहीं होती थी, उन्हें मजबूरी में झाड़ियों के पीछे जाकर कपड़े बदलने पड़ते थे। उस वक्त यह भी नहीं पता चल पाता था कि कपड़े बदलते उन्हें किसी ने देखा या नहीं।