महेश बाबू नहीं जानते तेलुगु, रट्टा मारकर बोलते हैं डायलॉग्स

साउथ के सुपरस्टार महेश बाबू को भला कौन नहीं जानता। उन्होंने दमदार अभिनय के दम पर अपनी एक खास पहचान बनाई है। महेश बाबू साउथ फिल्मों के सबसे सफल एक्टर में से एक हैं

उन्हें प्रिंस ऑफ टॉलीवुड के नाम से जाना जाता है।

महेश बाबू का क्रेज दक्षिण भारत ही नहीं बल्कि पूरे देश में देखने को मिलता है। उन्होंने कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दी हैं। फैंस उनकी फिल्मों का बेसब्री से इंतजार करते हैं।

जब भी वे बड़े पर्दे पर एंट्री मारते हैं तो पूरा थिएटर तालियों और

सीटियों की आवाज से गूंजने लगता है। साउथ का यह सितारा आज अपना 48वां बर्थडे सेलिब्रेट कर रहा है। उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं

महेश बाबू का जन्म 9 अगस्त 1975 को चेन्नई में साउथ इंडस्ट्री के मशहूर

एक्टर प्रोड्यूसर-डायरेक्टर शिवा राम कृष्णा घट्टामनेनी के घर हुआ। इन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अपने करियर की शुरुआत की थी। महेश बाबू ने चार साल की उम्र में फिल्म 'नीडा' में अभिनय किया।

मगर बतौर अभिनेता इन्होंने अपने करियर की शुरुआत फिल्म

'राजकुमारुडू' से की। इस फिल्म के जरिए इन्होंने टॉलीवुड में कदम रखा। इस फिल्म से उन्हें इतना प्यार मिला कि उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

महेश बाबू का बचपन मद्रास में अपनी नानी के पास बीता।

उन्होंने चेन्नई के लोयोला कॉलेज से कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के बाद एक्टिंग के प्रशिक्षण के लिए महेश बाबू निर्देशक एल सत्यानंद से मिले और तीन-चार महीने तक इनकी ट्रेनिंग चली।

दिलचस्प बात यह है कि इन्हें तेलुगू पढ़नी और लिखनी नहीं आती।

वह अपने डायलॉग को रटकर याद करते हैं और फिर बोलते हैं। अपनी एक्टिंग के लिए यह आठ नंदी अवॉर्ड, पांच फिल्मफेयर साउथ अवॉर्ड, चार साउथ इंडियन इंटरनेशनल मूवी अवॉर्ड, तीन सिनेमा अवॉर्ड

महेश बाबू एक्टिंग के साथ-साथ फिल्म प्रोडक्शन की दुनिया में भी एक्टिव हैं।

महेश बाबू एंटरटेनमेंट के नाम से इनका अपना प्रोडक्शन हाउस है। इस साल आई मेजर संदीप उन्नीकृष्णन की बायोपिक 'मेजर' उन्हीं के प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनी है