किसानो के लिये खेतों में रामबाण साबित होगी Nano DAP की बोतल, कम कीमत में होगा ज्यादा का फा

किसानो के लिये खेतों में रामबाण साबित होगी Nano DAP की बोतल, कम कीमत में होगा ज्यादा का फायदा, देखे डिटेल्स

आपको बतादे विभागीय जिम्मेदार शिशुपाल कुमार का कहना है

कि यह पदार्थ किसानों के खेतों में रामबाण साबित होगा और किसानों को इससे काफी फायदा हो रहा है।

किसानों को लगातार इसके लिए जागरूक किया जा रहा है

किसानों को खेती के नए-नए तरीके समझाने के साथ उन्हें आधुनिक बनाने के लिए सरकार नए-नए प्रयास कर रही है

इसी प्रयास में अब एक खाद तैयार की गई है

, जो कम दाम में फसल की पैदावार को दुगनी करने में सहायक बनेगी। इससे किसानों को फायदा होगा।

स्वदेशी नैनो डीएपी भी तरल के रूप में बोतल होगी उपलब्ध

इस Nano DAP खाद के फायदे के बारे में किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है। आपको बतादे आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत कृषि क्षेत्र में नए अध्याय की शुरुआत हुई है। नैनो यूरिया के बाद खेती के लिए अब स्वदेशी नैनो डीएपी भी तरल के रूप में बोतल में उपलब्ध होगी। Nano DAP से किसान भाइयो क

कम कीमत में मिलेगा डबल मुनाफा

आपकी जानकारी के लिए बतादे Nano DAP पदार्थ पारंपरिक खाद से करीब 700 रुपए सस्ता है

इससे फसल उपज में गुणवत्ता और वृद्धि भी होती है।

Nano DAP लिक्विड होने के कारण वायु प्रदूषण कम होगा और जल संरक्षण भी होगा। इससे फसल पूरे तरीके से सुरक्षित एवं पर्यावरण हितैषी होती है।

इस पदार्थ को ले जाने में भी किसानों को काफी सहूलियत है।

। किसानों को किसी भी प्रकार की लाइन नहीं लगानी पड़ेगी और ना ही किसी कागजात की जरूरत पड़ेगी। किसान इस खाद को 600 रुपए में खरीद सकते हैं।

सभी किसान कल्याण केंद्र के साथ ईफको बाजार में उपलब्ध होगी Nano Urea & Nano DAP >

यह नैनो डीएपी 500 एमएल से लेकर अन्य मात्रा में सभी किसान कल्याण केंद्र किसान साधन सहकारी समिति एग्रीजक्शन केन्द्र के साथ ईफको बाजार, आनलाइन भी उपलब्ध है, जो विभाग द्वारा बिना डिलेवरी चार्ज के घर पर पहुंचाई जा रही है। विभागीय जिम्मेदार शिशुपाल कुमार का कहना है कि यह पदार्थ किसानों

किसानो को मिलेंगा इससे डबल का फायदा

मिली जानकारी अनुसार बतादे आधा लीटर की NANO DAP की बोतल 50 kilogram की परंपरागत DAP के बोरे के बराबर काम कर सकती है। एक एकड़ खेत के लिए आधा लीटर की बोतल काफी है। नैनो यूरिया को किसानों ने स्वीकार कर लिया है, लेकिन अभी बोरी वाली Urea भी प्रयोग में है।