Oppenheimer

विवादों में आई 'ओपेनहाइमर', जानें क्यों लोग कर रहे हैं फिल्म को बायकॉट करने की बात?

सीन को लेकर

सीन को लेकर भारत सरकार के सूचना आयुक्त उदय माहुरकर ने नोलन को एक खुला पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कड़ी आपत्ति जताते हुए फिल्म से दृश्य को हटाने की अपील की है

निर्देशक क्रिस्टोफर नोलन

ओपेनहाइमर ने सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है। फिल्म ने दुनियाभर में फिल्म को काफी सराहा जा रहा है। भारत में फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छी ओपनिंग की है।

अब यह फिल्म विवादों में

अब यह फिल्म विवादों में भी फंसती नजर आ रही है। दरअसल, फिल्म में मुख्य पात्र एक इंटीमेट सीन के दौरान संस्कृत का श्लोक पढ़ते समय संबध बनाते हुए नजर आ रहा है।

सोशल मीडिया

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स का दावा है कि यह पंक्तियां भगवद गीता से हैं। हालांकि, फिल्म में गीता की बात नहीं की गई है। इसे देखने के बाद लोग फिल्म से इस सीन को हटाने की मांग कर रहे हैं।

सीन हटाने को लेकर दी गई चेतावनी

सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक माहुरकर ने लिखा, "हम अरबों हिंदुओं और पूज्य गीता द्वारा जीवन बदलने की शाश्वत परंपरा की ओर से आग्रह करते हैं कि वे इस पूज्य पुस्तक की गरिमा बनाए रखने और दुनियाभर में अपनी फिल्म से इस दृश्य को हटाने के लिए हर संभव प्रयास करें।

परमाणु बम के जनक हैं ओपेनहाइमर

बता दें कि जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर, जिन्हें 'परमाणु बम का जनक' माना जाता है। उन्होंने संस्कृत सीखी थी और कहा जाता है कि वे भगवद गीता से प्रभावित थे।

एक साक्षात्कार में

भौतिक विज्ञानी ने याद किया था कि 16 जुलाई, 1945 को परमाणु हथियार का पहला विस्फोट देखने के बाद उनके मन में जो एकमात्र विचार आया था, वह प्राचीन हिंदू पाठ का एक श्लोक था - "अब मैं मृत्यु बन गया हूं, दुनिया का विनाशक।"