इफरात की अमीरी के चौंधिया देने वाले मुलम्मे में लिपटे दर्जनभर संदेश, अब यही बॉलीवुड है
निर्देशक हैं करण जौहर जिन्हें हिंदी फिल्में निर्देशित करते करते 25 साल हो गए हैं। उनकी पिछली फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ 2016 में रिलीज हुई थी।
फिल्म में वह सब कुछ है जिसके चलते हिंदी सिनेमा को पश्चिमी मीडिया ने बॉलीवुड कहना पुकारना शुरू किया
विस्तार है मौजूदा दौर के दो विपरीत ध्रुवों जैसे किरदारों का हाहाकार मचाता प्यार। दोनों को एक दूसरे के परिवारों का भरोसा जीतना है और ‘एक दूजे के लिए’, ‘टू स्टेट्स’ जैसी गलियों से गुजरती हुई
जहां से बचकर गुजरना किसी के बस की बात नहीं है
वह इसका ईमानदारी से विश्लेषण कर सके। तो रिलीज से तीन दिन पहले से ही इसकी तारीफों के कसीदे गढ़े जा रहे हैं। प्रेस शो से ऐन पहले फोर स्टार वाला रिव्यू सोशल मीडिया पर तैरता है
रिलीज के दिन का पहला शो सुबह आठ बजे है। ऑनलाइन बुकिंग में जितनी सीटें फुल दिखी थीं, सिनेमाघर पहुंचने पर उतने लोग दिखाई नहीं देते। 160 करोड़ रुपये सिर्फ फिल्म को बनाने में लगे हैं।
इसके प्रचार और सिनेमा हॉल में फिल्म को कम से कम दो हफ्ते लगाए रखने के लिए भी खर्च हो चुके हैं। मतलब 18 करोड़ रुपये से कम की ओपनिंग फिल्म के नाम पर बट्टा लगा सकती है