छोटे बच्चों को मीठी चीजें जैसे टॉफी, कुकीज, कोल्ड्रिंक्स और आइसक्रीम खाने-पीने का खूब शौक होता है और बच्चे मौका मिलते ही इन चीजों का लुत्फ जरूर उठाते हैं।
बच्चों को इस तकलीफ और दर्द से बचाने के लिए आप उन्हें ओरल हाइजिन का महत्व समझा सकते हैं। बच्चों को ओरल हेल्थ से जुड़ी ये बातें समझाएं जिससे वे अपने दांतों, मसूड़ों और मुंह की साफ-सफाई का ध्यान रख सकें।
बच्चों को जहां सुबह उठने के बाद ब्रश कराना जरूरी है वहीं, रात में सोने से पहले भी उन्हें दांतों की अच्छी तरह सफाई करने के लिए कहें। दांतों में अटका हुआ खाना सड़कर दांतों को खराब कर सकता है वहीं, ब्रश करने से दांतों के सड़ने की प्रक्रिया रोकी जा सकती है।
मैदे से बने डूनट,बर्गर और नूडल्स हों या बेकरी प्रॉडक्ट्स इस तरह के फूड्स खाने से दांतों में चिपक जाते हैं। ये चिपका हुआ खाना मसूड़ों और दांतों को बीमार बनाता है और इससे दांतों में कैविटी भी हो सकती हैं। हर बार कुछ खाने के बाद पानी से गरारे करने या मुंह साफ करने के लिए प्रोत्साहित
दांतों के साथ-साथ जीभ की सफाई करना भी महत्वपूर्ण है। बच्चे को ब्रश करने के बाद जीभ की सफाई करने के लिए कहें। इससे उसकी ओरल हेल्थ मेंटेन करने में मदद होगी।
कैविटी, सड़न और अन्य तकलीफों का पता लगाने के लिए आप नियमित डेंस्टिस से दांतों का चेकअप कराएं।