सोयाबीन की ये टॉप किस्मे तोड़ेंगी उत्पादन के रिकॉर्ड, कम लागत में किसानो को होगा तगड़ा

सोयाबीन की ये टॉप किस्मे तोड़ेंगी उत्पादन के रिकॉर्ड, कम लागत में किसानो को होगा तगड़ा मुनाफा, जाने इसके बारे में पूरी जानकारी।

अभी सोयाबीन की बुवाई का समय आने वाला है।

भारत में सोयाबीन की बुआई बहुत ज्यादा मात्रा में की जाती है इसे देखते हुए किसानों को सोयाबीन की अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों की जानकारी होनी जरूरी है। ताकि वे इन किस्मों में से अपने क्षेत्र के अनुकूल किस्म का चयन करके समय पर सोयाबीन की बुवाई कर सकें।

आपको बतादे भारत में सोयाबीन खरीफ की फसल के अंतर्गत आती है। भारत में सबसे ज्याद

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान में होती है। मध्य प्रदेश का सोयाबीन उत्पादन में 45 प्रतिशत है

जैसा कि मौसम वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि मानसून इस वर्ष देर से आएगा

एवं इसकी रवानगी भी लेट हो सकती है, मतलब साफ है कि सितंबर अक्टूबर में पानी गिरेगा। ऐसी स्थिति में किसान ज्यादा दिन में पकने वाली सोयाबीन की वैरायटी लगा सकते हैं। आइये इस पोस्ट में आपको सोयाबीन की कुछ खास किस्मो के बारे में बताते है।

प्रताप सोया-45 (आरकेएस-45 ) Soyabean Variety

अब आपको इस किस्मो के बारे में बताये तो सोयाबीन की इस वैरायटी की बढ़वार काफी अच्छी होती है।

। इसके फूल सफेद होते हैं। इसके बीज का रंग पीला होता और भूरे रंग का हिलम होता है

यह किस्म राजस्थान के लिए अनुशंसित है। यह किस्म 90-98 दिन में पककर तैयार हो जाती है

यह किस्म पानी की कमी को कुछ हद तक सहन कर सकती है।

वहीं सिंचित क्षेत्र में उर्वरकों के साथ अच्छी प्रतिक्रिया देती है। यह किस्त यलो मोजेक वाइरस के प्रति कुछ हद तक प्रतिरोधी है।

जेएस 2069 Soyabean Variety

आपकी जानकारी के लिए जेएस 2069 किस्म की सोयाबीन की बुवाई का उपयुक्त समय 15 जून से 22 जून तक कर सकते है

इस किस्म की बुवाई के लिए प्रति एकड़ 40 किलो

बीज की आवश्यकता होती है. इस किस्म से एक हेक्टेयर में लगभग 22-26 क्विंटल उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म को तैयार होने में 85-86 दिनों का समय लगता है।

जेएस 2034 Soyabean Variety सोयाबीन की इस किस्म के बारे में बताये तो सोयाबीन

की इस किस्म में दाने का रंग पीला, फूल का रंग सफेद तथा फलिया फ्लैट होती है। यह किस्म कम वर्षा होने पर भी अच्छा उत्पादन देती है। सोयाबीन जेएस 2034 किस्म का उत्पादन करीब एक हेक्टेयर में 24-25 क्विंटल तक होता हैं। फसल की कटाई 80-85 दिन में हो जाती हैं।