क्या है इसके पीछे का कारन जानते है आप. भारत में अभी एक रूपया दो रूपया और पांच, दस, बीस और भी रुपयों के सिक्के मौजूद है
भारत की प्रमुख मुद्रा संस्था है जो नए मुद्रा नोट छापती है और उन्हें देशभर के वाणिज्यिक बैंकों के माध्यम से वितरित करती है।
सिक्कों का प्रचलन प्राचीन काल से ही होता आया है और आज तक हो रहा है. भारतीय मुद्रा में कागज के नोटों और सिक्कों का प्रचलन होता है
आपको बता दे की जिस जगह सिक्के बनाए जाते हैं, उस कारखाने को मिंट कहते हैं. अपने देश में चार मिंट हैं. हर मिंट में बने सिक्के पर उस मिंट का खास चिन्ह बना होता है
वह सिक्का कहां बना है. यदि सिक्के पर तारीख के नीचे ‘स्टार’ चिह्न हो, तो इसका अर्थ होता है कि सिक्का हैदराबाद में ढाला गया है
नोएडा में बनाए गए सिक्कों पर सिक्के के पिछले भाग पर ‘ठोस बिंदु’ होता है
जबकि मुंबई के सिक्कों पर ‘हीरे के आकार’ का निशान होता है, और कोलकाता के सिक्कों पर कोई निशान नहीं होता है।
अब तक, सिक्के ‘क्यूप्रो निकेल’ से बनाए जाते थे, लेकिन 2002 के बाद कॉपर निकेल की कीमतों में वृद्धि होने से सिक्के बनाने की लागत भी बढ़ गई। इसलिए सरकार को “फेरिटिक स्टेनलेस स्टील” का उपयोग करके सिक्के बनाने पर ध्यान केंद्रित करना पड़ा है।