दुनिया की सबसे महंगी कार की कीमत चंद्रयान-3 मिशन से दोगुनी

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष

अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए मिशन को सफल बनाने के प्रयासों की सराहना की। इस मिशन के पूरा होने के साथ, इसरो ने 615 करोड़ रुपये के बजट के साथ इस कार्य पूरा करते हुए कई नए रिकॉर्ड बनाए

दिलचस्प बात यह है कि इस

इस मिशन का बजट इसे दुनिया में नीलामी में बेची गई अब तक की सबसे महंगी कार 1955 Mercedes-Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe (1955 मर्सिडीज-बेंज 300 एसएलआर उहलेनहॉट कूपे) की तुलना में सस्ता बनाता है

पिछले साल यह कार €135 मिलियन

यानी करीब 1,108 करोड़ रुपये की कीमत पर बेची गई थी, जो चंद्रयान-3 मिशन के बजट से लगभग दोगुना है। नीलामी के बाद इस यूनिक कार का मालिकाना हक मर्सिडीज-बेंज से एक अज्ञात खरीदार ने नाम ट्रांसफर कर दिया गया।

गौरतलब है कि अब तक की

सबसे महंगी कार बिकने का रिकॉर्ड पहले Ferrari 250 GTO (फेरारी 250 जीटीओ) के नाम था, जो करीब 503 करोड़ रुपये में बिकी थी, जो चंद्रयान-3 के बजट के आसपास है

इससे पहले 2014 में एक

Mercedes-Benz W196 (मर्सिडीज-बेंज W196) 29 मिलियन डॉलर (लगभग 225 करोड़ रुपये) में बिकी थी।

1955 मर्सिडीज-बेंज 300 एसएलआर

उहलेनहॉट कूपे का नाम रुडोल्फ उहलेनहॉट के नाम पर रखा गया है जो उस समय मर्सिडीज-बेंज के चीफ इंजीनियर थे। इसके अलावा, यह कार अब तक बनी दो यूनिट्स में से एक है जो इसे एक बहुत ही खास बनाती है।

साइमन किडस्टन ने खरीदार के प्रतिनिधि के

रूप में कार के लिए विजयी बोली लगाई थी। उन्होंने कहा, "यदि आपने पिछली आधी शताब्दी में क्लासिक कार विशेषज्ञों और शीर्ष संग्राहकों से दुनिया में सबसे ज्यादा चाहनेवाली कार का नाम पूछा, तो इसकी बहुत ज्यादा संभावना है कि वे एक ही मॉडल का नाम लेंगे -