चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग के बाद भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।
अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए मिशन को सफल बनाने के प्रयासों की सराहना की। इस मिशन के पूरा होने के साथ, इसरो ने 615 करोड़ रुपये के बजट के साथ इस कार्य पूरा करते हुए कई नए रिकॉर्ड बनाए
इस मिशन का बजट इसे दुनिया में नीलामी में बेची गई अब तक की सबसे महंगी कार 1955 Mercedes-Benz 300 SLR Uhlenhaut Coupe (1955 मर्सिडीज-बेंज 300 एसएलआर उहलेनहॉट कूपे) की तुलना में सस्ता बनाता है
यानी करीब 1,108 करोड़ रुपये की कीमत पर बेची गई थी, जो चंद्रयान-3 मिशन के बजट से लगभग दोगुना है। नीलामी के बाद इस यूनिक कार का मालिकाना हक मर्सिडीज-बेंज से एक अज्ञात खरीदार ने नाम ट्रांसफर कर दिया गया।
सबसे महंगी कार बिकने का रिकॉर्ड पहले Ferrari 250 GTO (फेरारी 250 जीटीओ) के नाम था, जो करीब 503 करोड़ रुपये में बिकी थी, जो चंद्रयान-3 के बजट के आसपास है
Mercedes-Benz W196 (मर्सिडीज-बेंज W196) 29 मिलियन डॉलर (लगभग 225 करोड़ रुपये) में बिकी थी।
उहलेनहॉट कूपे का नाम रुडोल्फ उहलेनहॉट के नाम पर रखा गया है जो उस समय मर्सिडीज-बेंज के चीफ इंजीनियर थे। इसके अलावा, यह कार अब तक बनी दो यूनिट्स में से एक है जो इसे एक बहुत ही खास बनाती है।
रूप में कार के लिए विजयी बोली लगाई थी। उन्होंने कहा, "यदि आपने पिछली आधी शताब्दी में क्लासिक कार विशेषज्ञों और शीर्ष संग्राहकों से दुनिया में सबसे ज्यादा चाहनेवाली कार का नाम पूछा, तो इसकी बहुत ज्यादा संभावना है कि वे एक ही मॉडल का नाम लेंगे -