फूलों की खेती करके आप भी हो सकते है मालामाल, ना ज़्यादा सिंचाई की ज़रूरत और ना ज़्यादा मेह

धार्मिक कार्यक्रमों से लेकर विवाह और अन्य कार्यों में गेंदे के फूल की बहुत जरूरत होती है। इसकी खेती से किसानों को कम लागत और मेहनत से अच्छी आमदनी हो रही है।

Flower Farming News:

फूलों की खेती करके आप भी हो सकते है मालामाल, ना ज़्यादा सिंचाई की ज़रूरत और ना ज़्यादा मेहनत, भारत में फूलों की खेती लंबे समय से होती आ रही है,

लेकिन आर्थिक रूप से लाभकारी व्यवसाय के रूप में फूलों का उत्पादन पिछले कुछ सालों में ही शु

यह किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा है। बरसात के मौसम में इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है। सावन के महीने में फूलों की डिमांड बढ़ जाती है

ऐसे में उपज मिलने के बाद किसान अपनी उपज को अच्छे दामों पर बाजार में बेच रहे हैं

दुर्गा पूजा और दिवाली तक किसानों को उनकी उपज मिलती रहेगी। राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले के किसान अब पारंपरिक खेती के बजाय लाभदायक व्यावसायिक खेती पर ध्यान दे रहे हैं।

कुछ ऐसा ही करके वे अपने जीवन में सुधार कर रहे हैं। धुवड़िया गांव में रहने वाले तीन किसान

और इससे अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. गुलाब भले ही फूलों का राजा हो, लेकिन गेंदे के फूल भी कम महत्वपूर्ण नहीं हैं। धार्मिक कार्यक्रमों से लेकर विवाह

तीन भाई मिलकर खेती करने लगे

गुलाब, कमल ग्लेडियोलस, रजनीगंधा, कार्नेशन आदि समसामयिक फूलों के उत्पादन में वृद्धि के कारण गुलदस्ते और उपहार देने में इनका उपयोग काफी बढ़ गया है।

इससे वे परंपरागत फसलों से कई गुना अधिक कमाई कर सकेंगे। फिर शादियों का सीजन आता है

और फूलों की डिमांड काफी बढ़ जाती है। इसी सोच के साथ उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के किसान गेंदा फूल की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं. यही कारण है

कि अब डूंगरपुर जिले के किसान भी फूलों की खेती को पसंद करने लगे हैं

इसी के तहत डूंगरपुर ग्राम पंचायत सुरपुर के धुवड़िया गांव में रहने वाले तीन भाई फूलों की खेती से सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं.

धुवाड़िया गांव के तीन भाई कोडर पटेल, काचरू पटेल और तेजपाल पटेल पहले गेहूं, धान और मक्का जै

लेकिन मेहनत और लागत की तुलना में मुनाफा कम था. जिससे पारंपरिक खेती के प्रति उनकी निराशा बढ़ती चली गई। तीनों भाइयों ने कुछ अलग करने का फैसला किया और नई फसल उगाने का मन बना लिया।

फूलों की खेती करके आप भी हो सकते है मालामाल, ना ज़्यादा सिंचाई की ज़रूरत और ना ज़्यादा मे

आपको बता दें कि कोडर, काचरू और तेजपाल पटेल ने बताया कि पांच बीघा जमीन पर मिलकर फूलों की खेती करते हैं. उन्होंने पांच बीघा जमीन को तीन खेत में बांट रखा है।